आज आप इस पोस्ट में जानेंगे की Rashtrapati Kon Hai और President Kaun Hota Hai, राष्ट्रपति की शक्तिया, राष्ट्रपति का कार्यकाल, राष्ट्रपति की योग्यता, राष्ट्रपति के अधिकार और कार्य, राष्ट्रपति कैसे बने एवं राष्ट्रपति से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी आप इस आर्टिकल में पड़ सकते है

Contents
- 1 Rashtrapati Kon Hai
- 2 President Kaun Hota Hai
- 3 Rashtrapati Kaise Bante Hain
- 4 Rashtrapati Ka Karyakal
- 5 Rashtrapati Ki Yogyata
- 6 Rashtrapati Ke Adhikar or karya
- 7 Rashtrapati Ki Shaktiyan
- 8 राष्ट्रपति से सम्बंधित – FAQs
- 9 Rashtrapati Ka Vetan Kitna Hai
- 10 Rashtrapati Ka Chunav Kab Hoga
- 11 Rashtrapati Ke Sachiv Kaun Hai
- 12 Rashtrapati Salary in India
Rashtrapati Kon Hai
द्रौपदी मुर्मू
भारत के वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी है जिनको 21 जुलाई 2022 को भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया है, 25 जुलाई को द्रौपदी मुर्मू जी राष्ट्रपति के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ लेंगी।
President Kaun Hota Hai
राष्ट्रपति भारत का प्रमुख होता है यह सबसे बड़ा पद होता है भारत के राष्ट्रपति भारत के कार्यपालक अध्यक्ष होते है प्रशासन के सभी कार्यपालक कार्य राष्ट्रपति के नाम से किए जाते हैं अनुच्छेद 53 के अनुसार प्रशासन की कार्यपालक सकती राष्ट्रपति में निहित होती है भारतीय सेनाओं का सर्वोच्च राष्ट्रपति को कहा जाता है
किसी भी प्रकार का आपातकाल लगाने व हटाने का कार्य राष्ट्रपति का ही होता है भारतीय राष्ट्रपति का भारतीय नागरिक होना आवश्यक होता है भारत के राष्ट्रपति नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में रहते हैं जिसे रायसिना हिल के नाम से भी जाना जाता है राष्ट्रपति अधिकतम कितनी भी बार पद पर रह सकते हैं, इनकी कोई सीमा नहीं होती है.
Rashtrapati Kaise Bante Hain
राष्ट्रपति बनने के लिए सबसे पहले चुनाव होता है यह चुनाव भारत के लोगो के द्वारा नहीं परन्तु राष्ट्रपति चुनाव में सभी राजनैतिक दल के विजयी उम्मीदवारों को सम्मिलित किया जाता है यह अप्रत्यक्ष निर्वाचन होता है जिसमे जनता के द्वारा चुने गए उमीदवार अपना वोट देकर राष्ट्रपति चुनते है यह चुनाव निर्वाचन मंडल के द्वारा लिया जाता है.
Rashtrapati Ka Karyakal
राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है जिसमें इन्हें संसद के द्वारा नियुक्त किया जाता है. एक राष्ट्रपति को बनाने में संसद का बहुत बड़ा योगदान होता है. भारत में राष्ट्रपति को जनता के द्वारा चुनने का अधिकार नहीं है. इस कारण से राष्ट्रपति को संसद के द्वारा नियुक्त किया जाता है.
Rashtrapati Ki Yogyata
राष्ट्रपति की योग्यताएं निम्नलिखित हैं
- भारत में किसी भी व्यक्ति को राष्ट्रपति नहीं बनाया जा सकता जब तक वह 35 वर्ष से अधिक आयु का नाम हो जाये.
- भारत के राष्ट्रपति बनने के लिए आपको भारत का निवासी होना जरूरी है अगर आप भारत के अलावा किसी और देश में रहते हैं इसके अलावा आपका भारत में जन्म हुआ है तो भी आप भारत के राष्ट्रपति नहीं बन सकते हैं.
- लेकिन अगर आप का जन्म भारत के बाहर हुआ है इसके बाद आपके पास भारत की नागरिकता है तो आप भारत के राष्ट्रपति बनते हैं.
- भारत का राष्ट्रपति केवल उसी व्यक्ति को बनाया जा सकता है जो कि मानसिक रूप से स्वस्थ हो.
- भारत का राष्ट्रपति बनने से पहले उस व्यक्ति की योग्यता किसी भी लोक सभा के सदस्य बनने की होनी चाहिए.
- व्यक्ति जो भारत का राष्ट्रपति बनना चाहता है उसे किसी भी न्याय व्यवस्था के द्वारा अपराधी घोषित किया गया हो.
- भारत के राष्ट्रपति को चुनने का अधिकार केवल संसद के सदस्यों का होता है जब तक लोकसभा के सदस्यों की सहमति पर एक व्यक्ति को नहीं चुना जाता तब तक वह राष्ट्रपति पद के लिए अप्लाई नहीं कर सकता है.
Rashtrapati Ke Adhikar or karya
राष्ट्रपति के अधिकार एवं कर्तव्य
- राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति करता है राष्ट्रपति राज्यों की राज्यपाल नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति करता है.
- राष्ट्रपति राज्यों के मध्य समन्वय के लिए उप राज्य परिषद के सदस्यों की नियुक्ति करता है.
- राष्ट्रपति लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति करता है.
- राष्ट्रपति आयोग के सदस्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य भारत के राजदूत तथा अन्य रचना नायको के सदस्यों की नियुक्ति करता है.
Rashtrapati Ki Shaktiyan
राष्ट्रपति की शक्तियां कुछ इस प्रकार है
न्याय से सम्बंधित शक्तियां: अनुच्छेद 72 के अनुसार राष्ट्रपति की न्यायिक शक्तियों में दंड को हटाना, क्षमा करना, उसे किसी दुसरे स्थान पर ले जाना, त्याग करना, परिवर्तन करना आता है जैसे किसी भी व्यक्ति का दोष सिद्ध हो जाने पर राष्ट्रपति अपनी की शक्तियों का उपयोग करते हुए उस व्यक्ति को क्षमा दान दे सकता है उस व्यक्ति को क्षमा उसे सजा देने के बाद अथवा उससे पहले भी मिल सकती है
राष्ट्रपति मर्त्यु दंड में विलम्ब कर सकता है दंड की अवधि भी घटा सकता है राष्ट्रपति दंड की प्रक्रिया को कठोर से हटाकर नम्र कर सकता है जैसे सश्रम कारावास को सामान्य कारावास में बदल कर, दंड में कमी कर देना यह विशेष आधार पर ही मिलती है जैसे गर्भवती महिला की सजा में कमी कर दी जाती है
राष्ट्रपति की क्षमा कर देने बाली शक्तियां राष्ट्रपति पर ही आधारित होती है उन्हें एक अधिकार के रूप में मांगा नहीं जा सकता, राष्ट्रपति इनका प्रयोग मंत्रिपरिषद की सलाह पर कर सकता है या उसे न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है राष्ट्रपति का लक्ष्य दंड में हुई भूल का निराकरण करना होता है.
वीटो शक्तिया : विधायक की किसी कार्यवाही को विधि बनाने से रोकने की शक्ति वीटो शक्ति कहलाती है संविधान में राष्ट्रपति को 3 शक्तियां प्रदान है
- पूर्ण वीटो – संविधान संशोधन बिल के अतिरिक्त यदि कोई अन्य बिल राष्ट्रपति के पास आता है तो वह अपनी स्वीकृति की घोषणा कर सकता है परंतु संविधान संशोधन के अंतर्गत बिल आता है तो राष्ट्रपति उसे अपनी स्वीकृति नहीं दे सकता भारत में अभी तक इस वीटो का प्रयोग राष्ट्रपति ने बिना मंत्रिपरिषद की सलाह के नहीं किया है एवं राष्ट्रपति बिना मंत्रिपरिषद के इस वीटो का प्रयोग नहीं कर सकता
- निलम्बंनकारी वीटो – संविधान संशोधन या धन बिल के अतिरिक्त राष्ट्रपति को भेजा गया कोई भी बिल राष्ट्रपति संसद को पुनर्विचार के लिए वापिस भेज सकता है परन्तु यदि संसद उस बिल को पुनः भेज दे तो राष्ट्रपति के पास उस बिल को पास करने के आलावा कोई विकल्प नहीं बचता है
- पॉकेट वीटो – राष्ट्रपति को संविधान स्वीकृति, अस्वीकृति देने के लिए कोई समय सीमा नहीं देता है यदि राष्ट्रपति सामान्य बिल, (ना की धन या संविधान संशोधन बिल) पर कोई निर्णय ना दें तो माना जाएगा कि उसने अपनी पॉकेट वीटो का प्रयोग किया है
संसदीय शक्तिया : संसद में राष्ट्रपति की स्वीकृति के बिना कोई भी बिल पास नहीं किया जा सकता है एवं सदन में भी नहीं लाया जा सकता है राष्ट्रपति संसद का प्रमुख होता है
सैन्य शक्तिया : भारतीय राष्ट्रपति के पास सैन्य बलों के सर्वोच्च कमांडर होते है राष्ट्रपति के पास युद्ध और शांति की घोषणा करना तथा सैन्य बलों को विस्तार करने की शक्ति होती है.
आपातकालीन शक्तिया : भारत के संविधान में राष्ट्रपती को तीन परिस्थितियों में विशिष्ट आपातकालीन शक्तिया प्रदान की है पहला अनुछेद, अनुछेद 352 के अनुसार युद्ध बाहरी आक्रमण या सशक्त विद्रोह की स्थिति तो इस स्थिति में राष्ट्रपति आपातकाल घोषणा कर सकता है एक महीने के पश्चात् या स्थिति स्वतः ही समाप्त हो जाती है
दूसरा अनुछेद, अनुछेद 356 के अंतर्गत यदि किसी राज्य की सरकार सही ढंग से कार्य नहीं कर रही हे तो उस स्थिति में राष्ट्रपति शासन की घोषणा कर दी जाती है
तीसरा अनुछेद, अनुछेद 360 के अंतर्गत देश में आर्थिक संकट आने पर राष्ट्रपति अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए वित्तीय आपात की घोषणा कर सकता है
राष्ट्रपति से सम्बंधित – FAQs
Rashtrapati Ka Vetan Kitna Hai
राष्ट्रपति का वेतन 5 लाख रुपय प्रति महिना है.
राष्ट्रपति का चुनाव 21 जुलाई 2022 को होगा.
Rashtrapati Ke Sachiv Kaun Hai
राष्ट्रपति के सचिव श्री कपिल देव त्रिपाठी है
Rashtrapati Salary in India
लगभग रु. 5 लाख/माह
India मैं राष्ट्रपति की Salary 5 लाख/माह हैं भारतीय राष्ट्रपति का वेतन 1951 के राष्ट्रपति की उपलब्धि और पेंशन अधिनियम के रूप में जाने जाने वाले कानून द्वारा निर्धारित किया जाता है। इसके अलावा, भारत के राष्ट्रपति देश में सबसे अधिक वेतन पाने वाले सरकारी अधिकारी हैं।
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