प्रोटेम स्पीकर क्या होता है- Protem Speaker कौन है,हिंदी अर्थ

आज आप इस पोस्ट में जानेंगे की प्रोटेम स्पीकर का अर्थ, Protem Speaker Kya Hota Hai और Protem Speaker Kaun Hai, प्रोटेम स्पीकर की शक्तिया, प्रोटेम स्पीकर के कार्य, प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति एवं यदि आप प्रोटेम स्पीकर बनना चाहते है, तो उससे सबंधित सम्पूर्ण जानकारी आप इस पोस्ट में पढ़ सकते है.

Protem Speaker क्या होता है – Protem Speaker कौन है

Protem Speaker Ka Arth

Protem शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ कुछ समय के लिए होता है. प्रोटेम स्पीकर कुछ समय के लिए राज्यलोक सभा और विधानसभा में काम करता है.

Protem Speaker Kya Hota Hai

प्रोटेम स्पाकर वह व्यक्ति होता है जो राज्य विधानसभाओ और लोकसभा के स्पीकर के पद पर कुछ समय के लिए कार्य करता है यह अस्थायी रूप से कार्य करता है उसे ही प्रोटेम स्पीकर कहा जाता है.

विधान सभा चुनाव और आम चुनाव के वाद जब तक नए स्पीकर या डिप्टी प्रोटेम स्पीकर को नहीं चुना जाता है. तब तक प्रोटेम स्पीकर को ही कुछ समय सीमा की अवधि के अंतर कार्य करने के लिए रखा जाता है परन्तु प्रोटेम स्पीकर उसे ही बनाया जाता है, जो कई बार चुनाव जीतकर विधायक बन चूका हो लेकिन राज्यपाल इसे माने या ये ना जरुरी नहीं है.

Protem Speaker Kaun Hai

प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति गवर्नर द्वारा की जाती है यह कुछ समय के लिए बनाया जाता है. प्रोटेम स्पीकर का काम नवनिर्वाचन विधायको को शपथ ग्रहण करवाने का होता है और यह पूरा कार्य क्रम प्रोटेम स्पीकर की देख रेख में होता है.

विधायको को जब तक सदन का हिस्सा नहीं माना जाता है जब तक वे विधायक शपथ नहीं ले लेते है. सबसे पहले विधायको को शपथ दिलाई जाती है, उसके बाद ये लोग विधानसभा अध्यक्ष चुनते है उसके बाद सभा में सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर के लिए चुना जाता है.

Protem Speaker Ki Shaktiya

प्रोटेम स्पीकर की सबसे बड़ी शक्ति यह होती है की वो वोट को Qualify या disqualify घोषित कर सकता है साथ इश्के पास यह अधिकार होता है की वोट की गिनती समान होने पर या टाई आने पर प्रोटेम स्पीकर के पास निर्णायक वोट करने का अधिकार होता है प्रोटेम अधिकारी नियमित स्पीकर के रूप में ही अल्प समय के लिए उसी स्थिति, शक्ति, विशेष अधिकार, और प्रतिरक्षा का आनंद लेता है.

प्रोटेम स्पीकर का क्या कार्य है

प्रोटेम स्पीकर के कार्य निम्नलिखित है जो इस प्रकार है

  • प्रोटेम स्पीकर का कार्य नए सदस्यों को शपथ दिलाने का होता है
  • प्रोटेम स्पीकर विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराता है
  • प्रोटेम स्पीकर फ्लोर टेस्ट करने का काम करता है
  • प्रोटेम स्पीकर का काम वोट का निर्णय करना होता है
  • ये स्थाई स्पीकर चुने जाने तक सदन की गतिविधियों को चलाने का काम करता है
  • ये सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने का कार्य करते है
Protem Speaker Ki Niyukti

प्रोटेम स्पीकर के पद पर सदन के वरिष्ठ सदस्य को चुना जाता है जो सदन में नए एवं स्थायी स्पीकर का चुनाव करने में सहायता करता है भारत के संविधान अनुच्छेद 180 के तहत राज्यपाल को सदन का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने की इजाजत होती है यदि सदन में स्पीकर का पद खाली होता है और उस पद को भरने के लिए कोई डिप्टी स्पीकर मौजूद नहीं होता है तो स्पीकर के कार्यालय कर्तव्य को विधानसभा के सदस्यों द्वारा निष्पादित किया जाता है जैसे की राज्यपाल.

जब केंद्र में प्रधानमंत्री अपने पद की शपथ ले लेते हैं तो लोकसभा के सदस्यों में से हैं किसी एक सदस्य के नाम को प्रोटेम स्पीकर के पद पर नियुक्त करने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है राज्य के मामले में राज्य में मुख्यमंत्री शपथ लेते हैं तो उनके द्वारा सदन में से कुछ नाम राज्यपाल के पास भेजे जाते हैं जिनमें से किसी एक व्यक्ति को राज्यपाल प्रोटेम स्पीकर के रूप में नियुक्त करता है.

Protem Speaker से सम्बंधित – FAQs

वर्तमान में प्रोटेम स्पीकर का नाम क्या है 

वर्तमान में प्रोटेम स्पीकर वीरेन्द्र कुमार है

Protem Speaker Kon Chunta Hai

प्रोटेम स्पीकर को राष्ट्रपति के द्वारा चुना जाता है

Protem Speaker Kon Hota Hai

राज्य विधानसभा या लोकसभा में अस्थाई रूप से स्पीकर के पद पर कार्यरत व्यक्ति को प्रोटेम स्पीकर कहा जाता है

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