Lokayukta क्या होता है, लोकायुक्त के कार्य, अर्थ, अधिकार, योग्यता,2024

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क्या आप भी Lokayukta से जुड़ी जानकारी ढूंढ रहे हैं? अगर हाँ तो आप सही जगह हैं. आज मैं आपको बताऊंगा Lokayukta Kya Hota Hai और Lokayukta Ke Karya.

इसके साथ ही में आपको Lokayukta से जुड़े और भी सवालों के जवाब दूंगा जैसे कि: Lokayukta के अधिकार, Lokayukta की योग्यता, Lokayukta का कार्यकाल, Lokayukta की Age इत्यादि की पूरी जानकारी विस्तार में बताऊंगा.

Lokayukta Kya Hota Hai

लोक युक्त का सर्वप्रथम गठन महाराष्ट्र में 1971 में हुआ था. परन्तु सर्वप्रथम भारत में 1970 में उड़ीसा में लोक युक्त संस्था की स्थापना के लिए कानून पारित किया था, राजस्थान में लोक युक्त की स्थापना 1973 में हुई थी अब तक 20 से अधिक राज्यों में लोकायुक्त संस्था का गठन किया गया है.

लोकायुक्त भारत सरकार द्वारा गठित की गई एक संस्था है जिसके द्वारा भ्रष्टाचारियों को रोका जाता है. इसकी मदद से कई सारे राज्यों में नियंत्रण रखा जाता है. अलग – अलग राज्यों में लोकायुक्त को अलग-अलग नाम से जाना जाता है.

जैसे कि: मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, असम इत्यादि जैसे राज्यों में लोकायुक्त या उप लोकायुक्त के नाम से जाना जाता है.

Lokayukta Ke Karya

1. लोकायुक्त उसके राज्य से मिली किसी भी प्रकार की शिकायत पर निष्पक्ष जाँच करता है.

2. लोकायुक्त राज्य सरकार एवं मंत्रियों के विभागों के कर्मचारियों व अधिकारियों के विरुद्ध मिली शिकायतों की प्राप्ति पर उनका पंजीकरण करता है.

3. लोकायुक्त अपनी तरफ सभी भ्रष्टाचार की जांच प्रारंभ करता है.

4. यदि कोई व्यक्ति किसी दूर भावना से किसी की शिकायत करता है तो वह उस कर्मचारी या शिकायतकर्ता को दंडित भी करता है.

5. लोकायुक्त सचिवालय के कामों एवं वित्तीय प्रशासन को संचालित करने का काम करता है.

6. कही भी किसी तरह का भ्रष्टाचार हो रहा हो उस स्थिति में लोकायुक्त उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही करता है एवं वह किसी सक्षम अधिकारी को भी वहां नियुक्त कर सकता है.

7. यह एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष कार्यवाही करता है.

8. लोकायुक्त का काम उसकी वार्षिक रिपोर्ट को राज्यपाल को देना होता है.

Lokayukta Ke Adhikar

लोकायुक्त के क्षेत्राधिकार में मंत्री, राज्यमंत्री, उपमंत्री, आते है इनमे मुख्यमंत्री को नहीं रखा जाता है

लोकायुक्त सेवक अधिकारी होता है जो एक विशेष पद पर नियुक्त रहता है

लोकायुक्त अधिकारी के नियंत्रण में राज्य सरकार द्वारा स्थापित नियम आता है

यदि कोई भी मंत्री भ्रष्टाचार या गलत काम कर रहा हो उसकी जाँच एवं सजा देने का अधिकार लोकायुक्त को होता है

लोकायुक्त के पास किसी भी संस्था में भ्रष्टाचार को रोकने का अधिकार होता है

लोकायुक्त की जाँच के बाद यदि किसी lok सेवक के खिलाफ आरोप शिद्ध हो जाता है तो उसे लोकायुक्त दंडित नहीं कर सकता है उसका निर्णय राज्यपाल करता है

Lokayukta Ki Yogyata

वह व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए.

लोकायुक्त राज्य के हाईकोर्ट के Chief Justice या फिर हाईकोर्ट के Retired Judge हो सकते है.

लोकायुक्त में एक अध्यक्ष का चुनाव राज्यपाल के द्वारा किया जाता है.

लोकायुक्त में अधिकतम आठ सदस्यों का प्रावधान है जो न्यायिक क्षेत्र से सम्बंधित होने चाहिए.

वह व्यक्ति न्यायप्रिय होना चाहिए एवं वह स्पष्ट न्याय करने बाला व्यक्ति होना चाहिए.

Lokayukta Ki Niyukti

लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त की नियुक्ति राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है.

Lokayukta Ka Arth Kya Hota Hai

लोकायुक्त (लोक + आयुक्त) भारत के राज्यों में बनाया गया एक भ्रष्टाचार-रोधी संस्था है.

Lokayukta Ka Karyakal

लोकायुक्त का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है

Lokayukta Ka Kya Name Hai 

लोकायुक्त का नाम श्री S. S. कोठारी है ये 12वे  लोकायुक्त है

Lokayukta Ki Age

लोकायुक्त की आयु 25 वर्ष से अधिक होनी चाहिए

Lokayukta Ki Niyukti

लोकायुक्त की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा किया जाता है

Lokayukta Ki Sthapna

लोकायुक्त की स्थापना सन 1967 में की गई थी

आशा करते हैं आपको Lokayukta Kya Hota Hai और Lokayukta Ke Karya पोस्ट अच्छी लगी होगी. 

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