आज आप इस पोस्ट में जानेंगे की लोकायुक्त क्या है और लोकायुक्त के कार्य, लोकायुक्त के अधिकार,लोकायुक्त की योगता, लोकायुक्त को हटाना एवं यदि आप लोकायुक्त बनना चाहते है तो उससे सबंधित सम्पूर्ण जानकारी आप इस पोस्ट में पढ़ सकते है.

Contents
लोकायुक्त का अर्थ
लोकायुक्त भारत सरकार द्वारा गठित एक भ्रष्टाचाररोधी संस्था है लोकायुक्त को राज्यपाल के द्वारा नियुक्त किया जाता है
लोकायुक्त क्या है
लोकायुक्त का सर्वप्रथम गठन महाराष्ट्र में 1971 में हुआ था. परन्तु सर्वप्रथम भारत में 1970 में उड़ीसा ने लाकयुक्त संस्था की स्थापना के लिए कानून पारित किया था, राजस्थान में लोकायुक्त की स्थापना 1973 में हुई थी अब तक 20 से अधिक राज्यों में लोकायुक्त संस्था का गठन किया गया है.
लोकायुक्त भारत सरकार द्वारा गठित की गई एक संस्था है जिसके द्वारा वह भ्रष्टाचारीयो को रोकती है एवं उन पर नियंत्रण रखती है अलग – अलग राज्यों में लोकायुक्त को अलग अलग नाम से जाना जाता है जैसे मध्य प्रदेश, आंध्रप्रदेश, कर्नाटका, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और असम जैसे राज्यों में लोकायुक्त या उपलोकायुक्त के नाम से जाना जाता है
लोकायुक्त के कार्य
लोकायुक्त का कार्य निम्नलिखित है
- लोकायुक्त उसके राज्य से मिली किसी भी प्रकार की शिकायत पर निष्पक्ष जाँच करता है
- लोकायुक्त राज्य सरकार एवं मंत्रियो के विभागों के कर्मचारियों या धिकरियो के विरुद्ध मिली शिकायतों की प्राप्ति पर उनका पंजीकरण करता है
- लोकायुक्त अपनी तरफ सभी भ्रष्टाचार की जाँच प्रारंभ कर सकता है
- यदि कोई व्यक्ति किसी दूर भावना से किसी की शिकायत करता है तो वह उस कर्मचारी या शिकायतकर्ता को दंडित भी कर सकता है
- लोकायुक्त सचिवालय के कामो एवं वितीय प्रशासन को संचालित करने का काम करता है.
- कही भी किसी तरह का भ्रष्टाचार हो रहा हो उस स्थिति में लोकायुक्त उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही करता है एवं वह किसी सक्षम अधिकारी को भी वहा नियुक्त कर सकता है.
- यह एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष कार्यवाही करता है
- लोकायुक्त का काम उसकी वार्षिक रिपोर्ट को राज्यपाल को देना होता है
Lokayukta Ke Adhikar
लोकायुक्त के अधिकार इस प्रकार है
- लोकायुक्त के क्षेत्राधिकार में मंत्री, राज्यमंत्री, उपमंत्री, आते है इनमे मुख्यमंत्री को नहीं रखा जाता है
- लोकायुक्त सेवक अधिकारी होता है जो एक विशेष पद पर नियुक्त रहता है
- लोकायुक्त अधिकारी के नियंत्रण में राज्य सरकार द्वारा स्थापित नियम आता है
- यदि कोई भी मंत्री भ्रष्टाचार या गलत काम कर रहा हो उसकी जाँच एवं सजा देने का अधिकार लोकायुक्त को होता है
- लोकायुक्त के पास किसी भी संस्था में भ्रष्टाचार को रोकने का अधिकार होता है
- लोकायुक्त की जाँच के बाद यदि किसी lok सेवक के खिलाफ आरोप शिद्ध हो जाता है तो उसे लोकायुक्त दंडित नहीं कर सकता है उसका निर्णय राज्यपाल करता है
Lokayukta Ki Yogyata
लोकायुक्त की योग्यता इस प्रकार है
- वह व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए
- लोकायुक्त राज्य के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश या फिर हाईकोर्ट के रिटायर जज हो सकते है
- लोकायुक्त में एक अध्यक्ष का चुनाव राज्यपाल के द्वारा किया जा सकता है
- लोकायुक्त में अधिकतम आठ सदस्यों का प्रावधान है जो न्यायिक क्षेत्र से सम्बंधित होने चाहिए
- वह व्यक्ति न्यायप्रिय होना चाहिए एवं वह स्पष्ट न्याय करने बाला व्यक्ति होना चाहिए.
Lokayukta Ko Hatana
लोकायुक्त को संविधान के अनुच्छेद 311 के अनुसार उसके व्यवहार क्षमता के आधार पर राज्यपाल द्वारा उसे उसके पद से हटाया जा सकता है. लोकायुक्त एक इमानदार व्यक्ति होना चाहिए यदि वह इमानदार, सच्चा और न्याय पक्ष व्यक्ति नहीं हुआ तो उसे उस पद से हटा दिया जाता है एवं उसके खिलाफ की गयी किसी भी तरह की सिकायत पर भी उसे राज्यपाल हटा सकता है.
लोकायुक्त से सबंधित – FAQ
Lokayukta Ka Karyakal
लोकायुक्त का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है
Lokayukta Ka Kya Name Hai
लोकायुक्त का नाम श्री S. S. कोठारी है ये 12वे लोकायुक्त है
Lokayukta Ki Age
लोकायुक्त की आयु 25 वर्ष से अधिक होनी चाहिए
Lokayukta Ki Niyukti
लोकायुक्त की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा किया जाता है
Lokayukta Ki Sthapna
लोकायुक्त की स्थापना सन 1967 में की गई थी
लोकायुक्त में शिकायत कैसे करे
लोकायुक्त में शिकायत करने के लिए लोकायुक्त संगठन भोपाल को दिए गए पते पर शिकायत भेजी जा सकती है और शिकायतकर्ता संभागीय सतर्कता समिति या संबंधित संभागीय मुख्यालय के SPE(Special Police Establishment) के माध्यम से भी शिकायत दर्ज करा सकता है।
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