हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (Hydroxychloroquine) – हाल ही में भारत सरकार ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (Hydroxychloroquine-HCQ) के निर्यात पर लगाए गए अपने पूर्व के प्रतिबंध को समाप्त कर इसके निर्यात की अनुमति दे दी.
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क्या है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (Hydroxychloroquine)?
ध्यातव्य है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन एक मलेरिया रोधी दवा है. यह क्लोरोक्विन (Chloroquine) का एक यौगिक/डेरिवेटिव (Derivative) है, जिसे क्लोरोक्विन से कम विषाक्त (Toxic) माना जाता है. उल्लेखनीय है कि रूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheu matoid Arthritis) और लूपस (Lupus) जैसी कुछ अन्य बीमारियों के मामलों में भी डॉक्टर की सलाह पर इस दवा का उपयोग किया जाता है.
भारत ही इस दवा के उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र क्यों?
भारत पूरी दुनिया के लिए जेनेरिक दवाएं (पेटेंट से बाहर) बनाता है और इसे ‘दुनिया की फार्मेसी’ कहा जाता है. जो दवाएं पेटेंट से बाहर हैं, भारत में बहुत सस्ती दरों पर बनाई जाती हैं और निर्यात की जाती हैं क्लोरोक्वीन/हाइड्रोक्सीक्लोरो
3.28 करोड़ टैबलेट है, जो कि देश में घरेलू उपयोग के लिए आवश्यक के 3 गुने से अधिक है. भारत में मलेरिया के इलाज के लिए इस दवा का इस्तेमाल क्लोरोक्वीन का इस्तेमाल दूसरे विश्व युद्ध में संयुक्त राज्य द्वारा दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्रों में मलेरिया से अपनी सेना की रक्षा के लिए किया गया था. आजादी के समय भारत में 330 मिलियन की कुल आबादी में 75 मिलियन मलेरिया के मामले थे.
मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत
इसकी शरुआत आजादी के बाद और 1950 और 1960 के दशक में हुई थी. 1970 के दशक में मरीजों के इलाज के लिए क्लोरोक्वीन और मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए डीडीटी के उपयोग से यह संख्या 100,000 से नीचे आ गई. इसके बाद हालांकि, डीडीटी का उपयोग रोक दिया गया था और मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम भी आगे नहीं बढ़ पाया और बीमारी का प्रकोप दोबारा बढ़ गया.
वर्तमान में भारत में प्रति वर्ष मलेरिया के लगभग 2 मिलियन मामले सामने आते हैं. COVID-19 और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन गौरतलब है कि विश्व की किसी भी स्वास्थ्य संस्था द्वारा हाइड्रोक्सीकोरोक्विन को COVID-19 के उपचार के लिये प्रमाणित नहीं किया गया है.
मार्च 2020 में ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एंटीमाइक्रोबियल एजेंट’ (International Journal of Anti microbial Agents-IJAA) में प्रकाशित एक फ्रांसीसी वैज्ञानिक के शोध के अनुसार, COVID-19 संक्रमित 20 मरीज़ों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के प्रयोग से अन्य मरीजो की तुलना में बेहतर परिणाम पाए गए. शोध के अनुसार, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के साथ एजिथ्रोमाइसिन (एक एंटीबायोटिक दवा) के प्रयोग से COVID-19 के उपचार में प्रभावी परिणाम देखे गए.
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